स्याह हुआ खून क्यों कर जला होगा कोई अरमां मौत आती नहीं अक्सर कि थाम ले उसका ही दामां कौन आया है मैय्यत में बुझा कर उम्मीदों की शम्मा दफ्न हो जाएगा जि…
Read more »तुम्हारा जाना यूं हुआ कि आंखों के आंसू तुम्हें विदाई देने को पलकों में ही ठिठक गए और आंखें पीतीं रहीं वेदना मगर जब तुम ओझल हुए मन लगा पूछने -- क्यों …
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