ललन प्रसाद सिंह

माँ दुर्गा

हे माँ दुर्गा तेरी शक्ति , जो संकट हरने वाली हो. भक्तों का दुःख हर कर के, तुम राह दिखाने वाली हो. जब जब जग में बढ़ा प…

जिंदगी परत-दर-परत

उसके छठवें जन्मदिन पर उसके पिता जी ने शहर के नामी-गिरामी अंग्रेजी स्कूल में पहली कक्षा में उसका नामकरण कराया. उसी दिन…

विकसित राष्ट्र के पथ

गांव के सरहद वाली पगडंडी ही तब एक कोस दूर वाली बड़की पक्की सड़क पर ले जाती थी तब जाकर पास के बाजार या शहर जाने को …

ग़ज़ल

लोग हैं बेशक गिराते जलवे ना इतना जल्दी उल्फ़त लगा. छली दुनिया छलती रहेगी एक ही चूक बस देगी दग़ा. जिसके दर पर …

विकास का जन्म तो हुआ है

कभी कभी ही गांव आ पाता हूं लगन के दिनों में ही खासकर गोतिया के यहां शादी के निमंत्रणों में ही.   पिछले साल …

प्रेमी की अंतर्कथा

सूरज ढलते ही आसमां सूर्ख लाल हो चले थे, दोनों की चाहतें बेशर्मी से परवान चढ़ने लगे थे.   दोनों गाड़…

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