प्रेम के बिना सब कुछ व्यर्थ ही तो है , फिर प्रेम के नाम पर इतनी नफ़रत क्यों प्रेम ही जीवन है प्रेम ही संसार है फिर प्रेम से इतना परहेज क्यों …
Social Plugin