
वर्षा वार्ष्णेय
प्रेम
प्रेम के बिना सब कुछ व्यर्थ ही तो है , फिर प्रेम के नाम पर इतनी नफ़रत क्यों प्रेम ही जीवन है प्रेम ही संसार है फ…
प्रेम के बिना सब कुछ व्यर्थ ही तो है , फिर प्रेम के नाम पर इतनी नफ़रत क्यों प्रेम ही जीवन है प्रेम ही संसार है फ…