शालिनी श्रीवास्तव
मेरी कविता

मेरी कविता

ना तो कबीर के सबद - रमैनी , ना कबीर की साखी सरीखी , तुकांत नहीं ....अतुकांत लिखी फ़ैज़ के मिसरे सा नमक नहीं , ख…

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