सीमा शर्मा 'तमन्ना’

एहसास की डोर

एहसास की डोर बँधा प्रियतम, जिस पर तन-मन वारा है, सच्चा और पावन पुनीत सा, बंधन यह मेरा तुम्हारा है। स्नेह श्रृद्धा ,आस्थ…

तन मन सब श्मशान हुए

सुनो! हर धड़कन मेरी तुम्हें पुकारे हम तो हे प्रियतम ! तेरे नाम हुए। दूर होकर तुम से जले हैं ऐसे कि! मेरे तन -मन …

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