प्यार में हम ओर छोर से सराबोर हो गए तुम ना मिली हम किसी और के हो गए बदले तुम और बदला तुम्हारा वो फैसल…
Read more »मेरे भाई कलाई के राखी की, लाज काहे तुम रख नही पाये। भाभी को देकर सिंदूर दान, दान सिंदूर का कर तुम आये। पापा के बहते आँसू पत्थर …
Read more »यादों में बीत गया पूरा साल तो रुप बदल क्यूँ सामने आ गया कल को काल में समाहित कर उद्द्भव का नया आज आ गया सूरज क्यूँ अपनी चांद छिपाकर …
Read more »आजादी से आजादी तो बस वहसी दरिंदो ने ही पायी है जिसकी कीमत भरें बाजारों चौराहो में नारी ने चुकायी है तानों के बाणों को बचपन से बूढ़ी होने…
Read more »चल खेले गौरी आज हम चौसर, तुम्हें जितने का दे रहा हूं अवसर। तीन भुवन सह लोक के स्वामी, जग जीतने वाले प्रभू अंतर्यामी। गौरी बोली सुन …
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