सोमेश देवांगन

हम किसी और के हो गए

प्यार में हम ओर   छोर से   सराबोर   हो   गए तुम ना मिली   हम   किसी   और   के   हो गए   बदले   तु…

सब कुछ कुर्बान कर आये

मेरे भाई कलाई के राखी की, लाज काहे तुम रख नही पाये। भाभी को   देकर   सिंदूर   दान, दान सिंदूर का कर तुम आये। …

साल मुझे फिर याद आ गया

यादों में बीत गया पूरा साल तो रुप बदल   क्यूँ   सामने आ गया कल को काल में समाहित कर उद्द्भव का नया आज आ   गया …

नारी ने कीमत चुकायी है

आजादी से आजादी तो बस वहसी दरिंदो ने ही   पायी   है जिसकी कीमत भरें बाजारों चौराहो में नारी ने चुकायी है   तानों…

चल चौसर खेले गौरी

चल खेले गौरी आज हम चौसर, तुम्हें जितने का दे रहा हूं अवसर। तीन भुवन सह लोक   के   स्वामी, जग जीतने वाले   प्रभू…

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