
हरविंदर सिंह गुलाम
उम्मीद
उदास रातों में उम्मीद की शमां जलाओ यारो सन्नाटे की दीवारों पर खुशियां सजाओ यारो फिर ये ख़ामोशी भी छेड़ेगी तराना कोई …
उदास रातों में उम्मीद की शमां जलाओ यारो सन्नाटे की दीवारों पर खुशियां सजाओ यारो फिर ये ख़ामोशी भी छेड़ेगी तराना कोई …