
चलो चलें गाँव की ओर
जनवरी के महीने में कड़ाके कि ठंढ़ पड़ रही थी | लोग अपने घरों में पहने ओढ़े दुबके हुए थे | घर से बाहर निकलने की हिम्मत कम…
जनवरी के महीने में कड़ाके कि ठंढ़ पड़ रही थी | लोग अपने घरों में पहने ओढ़े दुबके हुए थे | घर से बाहर निकलने की हिम्मत कम…
(18 नवम्बर ) जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी। जो शहीद हुए हैं उन…
जीतेन्द्र सिंह : कीर्ति चक्र एक सैनिक अपनी मातृभूमि के लिए सदैव अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए तैयार रहता है चाह…
खूब लगाओ पेड़ धरा पर, फैलाओ हर जगह हरियाली। पर याद रहे उनको पानी देना, सुबह शाम तुम्हें पेड़ों के माली । सुबह…
ब्रिगेडियर अमरिंदर सिंह कसाना, वीर चक्र 1999 का युद्ध (ऑपरेशन विजय) आजादी के 52 साल बाद लड़ा गया था। भ…
मां और मातृभूमि दो ऐसे संबंधात्मक शब्द हैं जिनका नाम लेते ही श्रद्धा और आदर से सिर झुक जाता है, इनका जितना वंदन तथ…
लांसनायक दृग पाल सिंह राठौर का जन्म 23 दिसम्बर 1945 को वीरों की धरती जनपद शाहजहांपुर के गाँव नौगवां में हु…
1965 के युद्ध के दौरान 8 गढ़वाल राइफल्स, 1 बख्तरबंद डिवीजन की 43 लॉरीड ब्रिगेड का हिस्सा थी और उसका नेतृत्व कर रहे…
सन् 1999 में कारगिल की गगनचुंबी पहाड़ियों और माइनस जीरो डिग्री के नीचे तापमान में लडा गया वह युद्ध जो क…
अपनों ने अपनों को धोखा दिया, अपनों ने रखा अपना ही ध्यान । अपनों के अपने चक्कर में ही, अपनों का हो गया काम तमा…