
ग़ज़ल
धूप को फूल खल रहे होंगे, खेत के पाँव जल रहे होंगे | जाति औ फ़िरके वाले सांचे में, आज बच्चे भी ढल रहे होंगे | हो रही कोठ…
धूप को फूल खल रहे होंगे, खेत के पाँव जल रहे होंगे | जाति औ फ़िरके वाले सांचे में, आज बच्चे भी ढल रहे होंगे | हो रही कोठ…
1. यूँ सलीक़ा लिए पैगाम दिया जाता है। नाम जो रोज़ सुबह शाम लिया जाता है। काम वह क़ाबिले तारीफ़ हुआ करता है, जो सही वक़…
मुहब्बत, दोस्ती के रास्ते मैं बहारें लूटने के वास्ते मैं यही या रास्ता जब याद आया गया पहचान अगले रास्ते मैं तुम्हा…
1 दोस्ती का सिलसिला। वास्तों से जा मिला। बेवज़ह रखना पड़ा, आपसे शिकवा -गिला । रास्ता ठहरा रहा ,…
ख़ुशी को आज़माना आ गया है। हमें हँसना -रुलाना आ गया है। क़िताबों में पढ़ा है या सुना है, सलीका वो निभाना आ …
चराग़ जिसने जलाया उसे तलाश करो अंधेरा किसने मिटाया उसे तलाश करो बहुत उदास है बस्ती का हर तरफ मंजर धुवां ये किसने उठाय…
करोगे मेहनत, फिर देखोगे, सपने होंगे सारे पूरे। जल्दी पूरे हो जाएंगे, जो भी रह गए काम अधूरे। आलस को तुम अपने ऊपर, कभी…
कुछ न ले जाना है फिर भी दिल को सब पाना है फिर भी आग, जल, भू, वायु , नभ में कल बिखर जाना है फिर भी खेलता है …
मैं का झंडा गाड़ लोग सब चले गए। तन का कपड़ा फाड़ लोग सब चले गए। फल लगते हैं दूर, नहीं छाया मिलती, वृक्ष लगाकर ताड़ ल…
स्याह हुआ खून क्यों कर जला होगा कोई अरमां मौत आती नहीं अक्सर कि थाम ले उसका ही दामां कौन आया है मैय्यत में बुझा कर उम्म…
साथ हम भी जमाने के चलते रहे वक्त का कुछ ना एहसास हमको हुआ जिंदगी का मुझे किसने पैगाम दी कौन देता रहा हर तरह बद्दुआ। …
हमने माना कि है मुख़्तसर ज़िंदगी, नफ़रतों में न हो पर बसर ज़िन्दगी। क़द्र इसकी करो ये है आब-ए-हयात, बन न जाए कहीं ये ज़ह…
लोग हैं बेशक गिराते जलवे ना इतना जल्दी उल्फ़त लगा. छली दुनिया छलती रहेगी एक ही चूक बस देगी दग़ा. जिसके दर पर …
सफ्हा -ए - हस्ती, इंसान की बस्ती वुजूद ना बचता, जो न होती मस्ती। मिरी सन - ए विलादत, अहम नहीं अहम की बात है, जिंदगी ह…
छोटे लोग गिने जाते कंकर की श्रेणी में। और बड़े आ जाते हैं पत्थर की श्रेणी में। पल भर में ही कई दिलों का क़…
समझ ना पाई उनकी आंखें जब मेरे नयन की भाषा इसी लिए शायद क्वांरी है मेरे अंतस की अभिलाषा लाख चाहने पर भी अपनी, भाव…
इश्क में अपने आँसू बहा कर तो देखो महबूब को दिल में बसा कर तो देखो। लगने लगेगी खूबसूरत सी दुनिया चाहत किसी…